Sunday, December 22, 2024
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Yoga : घंटों बैठे रहने से झुक गए हैं कंधे फिट रहने के लिए कीजिए ये योगासन, जानें इनके नाम और फायदे क्या है ?

Yoga : साल 2024 का खत्म होने वाला है। एक महीने बाद घरों में टंगे 2024 के कैलेंडर हट जाएंगे और उनके स्थान पर 2025 का कैलेंडर आ जाएगा। जिसमें दिन तारीख और महीने के साल भी बदल जाएगा। नए साल की शुरुआत को लेकर तो सभी उत्साहित हैं लेकिन बीता हुआ साल अपने साथ कई यादें छोड़ जाएगा। इन्हीं यादों में एक है स्वास्थ्य व फिटनेस को लेकर बढ़ी लोगों की गंभीरता। मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के साधन के रूप में योग को बढ़ावा मिला। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नागरिकों को योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने का आग्रह किया।

हमारा लाइफस्टाइल दिन पर दिन बिगड़ता जा रहा है। काम या पढ़ाई के कारण लोग घंटों स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण सेहत से जुड़ी बहुत सी परेशानियां हो जाती है। जिसमें पोस्चर का खराब होना बहुत आम बात है। साथ ही इसकी वजह से सर्वाइकल जैसी समस्या से आजकल बहुत लोग जूझ रहे हैं। ऐसे में काम के साथ ही अपनी सेहत का ख्याल रखना और फिट रहना का प्रयास करना बेहद जरूरी है।

जब भी बात फिटनेस की आती हो तो इसमें जिम का नाम सबसे आगे आता है। लेकिन आज से कुछ सालों पहले की बात करें तो जिम इतना ट्रेंड में नहीं था। तब लोग फिट रहने के लिए योग का सहारा लेते थे। आज भी कई लोग इसे अपनाते हैं। इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं हैं। बल्कि आप घर बैठे आसानी से कुछ आसन को कर सकते हैं।

Yoga : मलासन (Malasana) :

इस योग को स्क्वाट भी कहते हैं। मलासन के अभ्यास से शरीर टोन होता है। और कमर, घुटने व हाथों के दर्द से आराम मिलता है। पाचन तंत्र को सक्रिय और कब्ज से राहत दिलाने में ये योग क्रिया फायदेमंद है। ये आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और कूल्हों व पेल्विस एरिया में खिंचाव लाता है। ध्यान एकाग्रता और संतुलन को बेहतर बनाने के लिए मलासन का नियमित अभ्यास करना चाहिए।

Yoga : मलासन कैसे करें (How to do Malasana) ?

  1. जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं।
  2. दोनों टांगों को एक दूसरे से दूर रखें।
  3. अब बैठने की स्थिति में आना है ।
  4. इसके लिए आप घुटनों को मोड़ें और कूल्हों को जमीन पर टिकाएं।
  5. अपनी जांघों को अपने धड़ से ज्यादा खोलें।
  6. दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ें।
  7. कोहनियों से घुटनों को हल्का बाहर की ओर दबाएं।
  8. इस पोजीशन में लंबी-लंबी सांस लें और ऐसे ही कुछ देर तक बैठें।

Yoga : मत्स्यासन (Matsyasana) :

इस साल लोगों ने मत्स्यासन योग भी खूब किया। मत्स्यासन से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत बेहतर होती है। ये आसन गर्दन, गले और कंधों के तनाव को दूर करता है। और गर्दन व पेट के सामने के हिस्से को स्ट्रेच करके टोन करने में मदद करता है। मत्स्यासन करने से पेट और गले की मांसपेशियों फैलती हैं और रक्त संचार बढ़ता है। पीठ की ऊपरी हिस्से और गर्दन के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है।

Yoga : मत्सयासन कैसे करें (How to do Matsyasana)?

  1. इस दौरान आपकी हथेलियां को हिप्स के नीचे लगाएं।
  2. इस स्थिति में आपको अपनी गर्दन, छाती और पेट में खिंचाव महसूस होगा।
  3. अब धीरे-धीरे अपने सिर को उठाएं और अपनी पीठ को सीधआ करें।
  4. इस आसन को अपनी क्षमता के अनुसार करें।

Yoga : पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) :

पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास पाचन तंत्र बेहतर बनता है। रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है और लचीलापन बढ़ता है। पेट की चर्बी कम कर मोटापा घटाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और बांझपन जैसी बीमारियों में फायदेमंद होता है। मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और जटिलताओं को नियंत्रित करने में पश्चिमोत्तानासन असरदार है। कंधे और रीढ़ की हड्डी में

Yoga : पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) :

पवनमुक्तासन पेट की गैस, एसिडिटी, कब्ज और पेट फूलने जैसी समस्याओं में फायदेमंद होता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट की बढ़ी हुई चर्बी कम हो सकती है। कमर दर्द, साइटिका, हृदय रोग और गठिया में भी फायदेमंद होता है। स्त्रियों के लिए गर्भाशय से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद होता है। ये आसन शरीर को लचीला बनाता है।

Yoga : ताड़ासन (Tadasana) :

ताड़ासन के अभ्यास से शरीर के कई हिस्सों में मजबूती आती है। लंबाई बढ़ाने में मदद करता है और रक्त संचार बेहतर बनाकर सूजन कम करता है। मन की शांति और तनाव व चिंता को कम करने में असरदार है। श्वसन संबंधी समस्याओं में भी ताड़ासन फायदेमंद है। डायबिटीज के मरीजों के लिए ये आसन फायदेमंद है।

Yoga : वृक्षासन (Vrikshasana) :

आप घर पर वृक्षासन कर सकते हैं इसे ट्री पोज और के नाम से भी जाना जाता है। इस योगासन को करने से पोस्चर में सुधार करने के साथ ही मसल्स को मजबूत करने बैलेंस बनाने में स्ट्रेस को कम करने में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर और स्ट्रेस को कम करने के लिए आप सुबह 3 से 4 मिनट के लिए वृक्षासन कर सकते हैं। इसे करना बेहद आसान हैं शुरुआत में बैलेंस बनाने में परेशानी होती है। लेकिन प्रयास के साथ ही इससे करना आसान बन जाता है और बॉडी का बैलेंस बनने लगता है।

वृक्षासन करने का सही तरीका (Correct way to do Vrikshasana) :

योगा एक्सपर्ट सुगंधा गोयल का कहना है कि इस आसान को आप घर पर आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको सावधान की पोजीशन में सीधा खड़े हो जाना है। और फिर अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाना हैं और इसके बाद अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में बांधते हुए नमस्ते की मुद्रा में मिलाना है। इस बात का ध्यान रखें कि आपके साथ सीधे होने चाहिए। अब इसके बाद पैरी को एड़ी को उठाकर पैरों उंगलियों के बल खड़े हो जाना है। 20 से 25 सेकेंड के लिए इस पोजीशन में खड़े रहें और सांस लें फिर सांस छोड़ते हुए छोड़ते हुए वापस अपनी पोजीशन में आ जाएं। आप अपनी क्षमता के मुताबिक इस आसन को करने का समय निर्धारित कर सकते हैं।

दंडासन (Dandasana) :

यह योगासन कंधों और छाती में खिंचाव लाता है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही यह आसन शरीर की मुद्रा में सुधार लाता है। अस्थमा की बीमारी से बचाव के लिए भी यह आसन करना उत्तम माना गया है। इसके अभ्यास से दिमाग रिलैक्स होता है और पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। इस योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करना फायदेमंद है।

जानुशीर्षासन (Janushirshasana) :

इस योगासन को करने से रीढ़ की हड्डी, हैमस्ट्रिंग, कूल्हों और घुटनों के लचीलेपन बढ़ता है। इसे करने से पैरों के दर्द में बहुत आराम मिलता है। ठंड लगने पर इस आसन को करने से शरीर को गर्मी मिलती है। साथ ही चिंता, थकान, सिर दर्द जैसी समस्या को भी यह आसन दूर करता है। दिमाग को शांत रखने में भी यह आसन कारगर है। जानुशीर्षासन अपने बच्चों की दिनचर्या में जरूर शामिल करें।

राजकपोतासन (Rajkapotasana) :

इस आसन को नियमित रूप से करने पर पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसका लाभ पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्‍ज, एसिडिटी आदि में मिलता है। इसके रोजाना अभ्यास से पेट की चर्बी भी कम होती है. इस आसन को आप वजन कम करने के लिए भी कर सकते हैं। इसके अलावा यह आसन किडनी को हेल्दी रखने का काम करता है। इस योगासन के अभ्यास से ब्‍लड सर्कुलेशन भी ठीक बना रहता है।

चतुरंगासन (Chaturangasana) :

यदि आप मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। तो यह आसन काफी मददगार साबित होगा। इसके नियमित अभ्यास से तनाव और चिंता जैसी समस्या दूर होती है। बच्चों से लेकर बड़ों तक मोटापे की बीमारी घातक हो चली है। यह आसन वजन कम करने शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा चर्बी को खत्म करने के लिए भी जाना जाता है। इसलिए इस आसन को बच्चे और बड़े अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।

बालासन (Balasana) :
  1. अपने हाथों और घुटनों से शुरू करें। अपनी कलाइयों को सीधे अपने कंधों के नीचे और अपने घुटनों को अपने कूल्हों के नीचे रखें।
  2. धीरे-धीरे अपने कूल्हों को अपनी एड़ियों की ओर वापस लाएं। अपनी बाहों को अपने सामने फैलाएं।
  3. अपने माथे को फर्श पर टिकाकर रखें और अपनी बाहों को फैलाकर रखें। अपनी रीढ़ और कंधों पर खिंचाव महसूस करें।
  4. इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रहें। गहरी सांस लें और खिंचाव महसूस करें।
बितिलासन मार्जरीआसन (Bitilasana Marjariasana) :
  1. अपने हाथों और घुटनों से शुरू करें। आपकी कलाइयां सीधे आपके कंधों के नीचे और आपके घुटने आपके कूल्हों के नीचे।
  2. सांस लेते हुए अपनी पीठ को झुकाएं। अपने पेट को फर्श की ओर झुकाएं और अपने सिर और टेलबोन को छत की ओर उठाएं (गाय मुद्रा)।
  3. अपनी रीढ़ को गोल करते हुए सांस छोड़ें। अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से लगाएं और अपनी नाभि को अपनी रीढ़ की ओर खींचें (कैट पोज़)।
  4. इस क्रिया को 10-15 बार दोहराएं।
अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Breathing Posture) :
  1. अपने हाथों और घुटनों से शुरू करें। अपनी कलाइयों को सीधे अपने कंधों के नीचे और अपने घुटनों को अपने कूल्हों के नीचे टिकाएं।
  2. अपने हाथों को दबाएं और अपने कूल्हों को ऊपर और पीछे उठाएं। अपनी बाहों और पैरों को सीधा करके अपने शरीर को उल्टे V शेप में लाएं।
  3. अपनी एड़ियों को फर्श की ओर दबाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी के माध्यम से लंबा करें। अपने कंधे के ब्लेड को अपने कानों से दूर खींचें।
  4. इस स्थिति में 30 सेकंड से 1 मिनट तक बने रहें गहरी सांस लें और खिंचाव महसूस करें।
  5. धीरे-धीरे अपनी पीठ को अपने हाथों और घुटनों तक नीचे लाएं और आवश्यकतानुसार दोहराएं।
भुजंगासन (Bhujangasana) :
  1. चटाई पर मुंह के बल लेट जाएं। अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे और अपनी कोहनियों को अपने शरीर के करीब रखें।
  2. चटाई से अपनी छाती उठाते समय अपने हाथों को दबाएं। अपनी कोहनियों को मोड़ें और अपने कंधों को अपने कानों से दूर रखें।
  3. अपने कोर को टाइट करें और अपनी रीढ़ की हड्डी के माध्यम से पीछे की तरफ झुके। कंधे के ब्लेड को अपनी पीठ के नीचे खींचें।
  4. 15-30 सेकंड के लिए इस स्थिति में बने रहें। गहरी सांस लें और खिंचाव महसूस करें।
  5. धीरे-धीरे वापस चटाई पर आ जाएं और 5-10 बार दोहराएं।
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